Pages

Ghazal Shayari : Jisko Chaha Use Apna Na Sake Jo Mila Us Se Mohabbat Na Hui

कुछ तबीयत ही मिली थी ऐसी चैन से जीने की सूरत ना हुई
जिसको चाहा उसे अपना ना सके जो मिला उस से मोहब्बत ना हुई

जिस से जब तक मिले दिल ही से मिले, दिल जो बदला तो फसाना बदला
रस्मे दुनिया की निभाने के लिए हमसे रिश्तो की तिजारत ना हुई

दूर से था वो कई चेहरो मे, पास से कोई भी वैसा ना लगा
बे-वफाइ भी उसी का था चलन, फिर किसीसे शिकायत ना हुई

वक़्त रूठा रहा बच्चे की तरह, राह मे कोई खिलोना ना मिला
दोस्ती भी तो निभाई ना गयी, दुश्मनी मे भी अदावत ना हुई