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Ghazal Shayari : Main Farishta To Nahi Hu Kuchh Bahak Hi Jaunga

चाहता है दिल किसी का दिल चुराकर देखना,,
खुद तड़पना रात भर उसको सताकर देखना,,,

में फरिश्ता तो नही हू कुछ बहक ही जाऊँगा,,
देखिएगा फिर ना मुझको मुस्कुराकर देखना,,

दूरिया नज़दीकियो मेी भी बदल सकती हे ये,,
तुम किसी को प्यार से अपना बना कर देखना,,

एक ही शब काटना फुरकत की “फरहत” और फिर,,
अपनी सूरत से मेरी सूरत मिलकर देखना….!!!